अतीक अमद और अशरफ को मीडिया के कैमरों के सामने गोली से मौत के घाट उतारने वाले आरोपी शूटर्स बेहद शातिर हैं। ये तीनों पुलिस को अपने बयानों से छका रहे हैं। हत्याकांड के आरोपी बार-बार अपने बयान बदल रहे हैं। तीनों आरोपी पुलिस पूछताछ में रोज-रोज नई कहानी बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पहले कहा था कि पाकिस्तानी कनेक्शन की वजह से उन्होंने अतीक अहमद और अशरफ को मारा, लेकिन बाद में कहा कि प्रदेश में अपना दबदबा दिखाने और बड़ा माफिया बनने के लिए दोनों भाईयों को मारा है।
मोबाइल का इस्तेमाल नकारा था, बाद में हुए बरामद
इतना ही नहीं पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पहले कहा था कि उन्होंने किसी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया था। बाद में पुलिस को खुल्दाबाद स्टेशन के होटल से दो मोबाइल बरामद हुए थे, जिनके अभी तक सिम नहीं मिल पाए हैं। इसके अलावा हत्या में इस्तेमाल कैमरा, माइक आईडी आरोपियों ने कब और किससे खरीदी, इसका भी अभी तक पता नहीं चल पाया है।
मई तक दाखिल हो सकती है चार्जशीट
वहीं यूपी एसटीएफ जल्द ही अतीक अशरफ हत्याकांड में आरोप पत्र दाखिल करने वाली है। सूत्रों का कहना है कि मई में इस केस को लेकर आरोप पत्र दाखिल हो सकता है। चार्जशीट दाखिल करने के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकेगा। लिहाजा यूपी एसआईटी की तरफ से सबूतों को तेजी के साथ इकट्ठा किया जा रहा है। लेकिन इस पूरे मामले में एसआईटी के सामने सबसे बड़ा चैलेंज सबूतों को वैज्ञानिक दृष्टि से साबित करना रहेगा। लेकिन इन तमाम चिनौतियों के साथ मई तक अतीक-अशरफ हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल हो सकती है।
अतीक के ऑफिस में खून से सना चाकू और दीवारों पर खून मिला
वहीं इससे पहले कल माफिया अतीक अहमद के ऑफिस पर जांच के लिए गई पुलिस को खून से सना चाकू और दीवारों पर खून के धब्बे मिले। पुलिस उपायुक्त नगर दीपक भूकर ने पत्रकारों को बताया कि अतीक के कार्यालय में खून से सना चाकू और खून से सने कपड़े मिले हैं। उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक टीम ने खून के नमूनों को एकत्र कर लिया है जिसका विश्लेषण किया जाएगा, उसके बाद ही पता चल सकेगा कि यह मानव रक्त है या किसी पशु का।
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