रिपोर्ट- अर्पित बड़कुल
दमोह. दमोह जिले की धरा को विरासतों की धरोहर माना जाता है, जहां सैकड़ों साल पुराने किले और इमारतें आज भी मौजूद हैं. हम आज आपको ऐसी इमारत से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो करीब 150 साल पुरानी है. इसे अंग्रेजों के जमाने की इमारत कहा जा है. जिला मुख्यालय के पुराने डाकघर के पास एक गिरजाघर है, जिसे अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बनाई गई चर्च बताया जा रहा है.
30 फीट है चर्च की ऊंचाई
इस गिरजाघर को प्रार्थना घर के नाम से भी जाना जाता है. इसकी ऊंचाई तकरीबन 30 फीट है और यह करीब 2400 वर्ग फीट क्षेत्रफल में फैला हुआ है. यह प्रार्थना घर दमोह की चर्चित इमारतों में से एक है, जो कि मध्यप्रदेश पुरातत्व अभिलेखागार और संग्रहालय विभाग की ओर से चार संरक्षित स्मारकों की श्रेणी में संरक्षित है.
रोमन कैथोलिक को मानने वाले ईसाई अनुयायी करते थे प्रार्थना
जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य तेजी से अपने पैर पसार रहा था. तभी ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों ने चर्च का निर्माण करना शुरू कर दिया था. अंग्रेजी हुकूमत की समाप्ति के बाद यही प्रार्थना घर गिरजाघर कहलाने लगे. इस पूरे मामले में पुरातत्व अभिलेखागार अधिकारी सुरेंद्र चौरसिया ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दमोह जिले के पुराने डाकघर के पास जो भवन है वह प्रार्थना घर के नाम से जाना जाता है. इस चर्च के बारे में जो इतिहास बताया जाता है उसके मुताबिक, उस समय दो चर्च रोमन और कैथोलिक हुआ करते थे. यहां अंग्रेज प्रार्थना करने आया करते थे.
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FIRST PUBLISHED : April 25, 2023, 12:50 IST